बुद्धिमान लोग हमेंशा अपने दिल की सुनते हैं ओर अपने जीवन में सफल होते हैं।
जैक मा जानते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि नेता जब - जब जरूरत हो तो अपने इन्टुशन ( अंतर्ज्ञान ) का सहारा लें । दिल से लिए गए निर्णयों का स्त्रोत है - फेथ एंड पैशन ( विश्वास और जूनून ) । बिज़नेस में बहुत बार ऐसे समय आते हैं जब आपको लोजिक ( तर्क ) नहीं बल्कि अपने फेथ
( विश्वास ) के आधार पर निर्णय लेने होते हैं । वे बहुत विरले , लेकिन महत्वपूर्ण निर्णय होते हैं । ज्यादातर , विश्वास के आधार पर लिए गए निर्णय स्ट्रेटेजिक ऑब्जेक्टिव
( कूटनीतिक उद्देश्य ) को निर्धारित करने में मदद करते हैं । सभी नेताओं की मनोस्थिति के दो पहलू होते हैं - एक ऐनालिटिक
( विश्लेषणात्मक ) साइड और एक इनटूटिव ( अंतर्ज्ञान वाली ) साइड । लोगों की आम सोच के विरुद्ध , ये दोनों ही महत्वपूर्ण हैं । उसी व्यक्ति को जो स्मार्ट और बुद्धिमान है , सफलता के ऊँचे स्तर मिलेंगे । उदहारण के तौर पर , मान लीजिये , आप एक महत्वपूर्ण काम को किसी बाहर की कंपनी से आउटसोर्स ( किसी बाहर से करवाने के लिए ) करने का सोच रहे हैं । आपके बॉस दो विकल्प है - उनमें से एक कागजों पर बेहतर लग रहा है , पर आपको दूसरी कंपनी जयादा पसंद है । यह वह परिस्थिति हैं जहाँ आप को दिल से काम लेना महंगा पड़ सकता है इसलिए आपको तर्क का प्रयोग करना होगा । स्वाभाविक है कि आप ऐसी कंपनी का चयन नहीं करना चाहेंगे जिसके साथ काम करने में आप कमफरटेबल ( खुश ) नहीं हैं , पर आप उस कंपनी के साथ भी काम नहीं करेंगे जो इतनी योग्य नहीं है । बुद्धिमता हमेशा अपने दिल की सुनने में नहीं है । यह यह जानने में है कि आप अपने इन्टूशन
( अंतर्ज्ञान ) और इमोशनल अटैचमेंट
( भावनात्मक लगाव ) में अंतर को समझें । इमोशनल अटैचमेंट गलत निर्णय करवा सकती है जबकि इनटूशन बेहतर निर्णय करवाती है ।
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