आज हम जिस महान वैज्ञानिक को याद करते हैं, उसका सबसे बड़ा योगदान बल्ब के आविष्कारक थॉमस अल्वा एडिसन का है और उनके नाम पर 1,000 से अधिक पेटेंट हैं, उनकी मां नैन्सी मैथ्यू एडिसन। जब थॉमस प्राथमिक विद्यालय में था, उसके शिक्षक ने उसे एक सीलबंद लिफाफे में एक पत्र दिया और उसे घर जाकर अपनी माँ को देने के लिए कहा। थॉमस ने ऐसा ही किया। पत्र पढ़कर नैन्सी की आँखों में पानी आ गया, और थॉमस ने पूछा, "माँ, पत्र में ऐसा क्या है जिसने आपको रुला दिया?" "ये खुशी के आंसू हैं," नैन्सी ने कहा। पत्र कहता है कि तुम्हारा बेटा बहुत होशियार है। हमारे स्कूल के शिक्षक उस स्तर के नहीं हैं जो वे आपके बेटे को पढ़ा सकते हैं।
तो अब आप इसे खुद ही सिखाएं। थॉमस यह सुनकर इतना प्रसन्न हुआ कि वह घर पर ही अपनी माँ के साथ दुगने उत्साह के साथ पढ़ने लगा। जो खुद भी टीचर थे। कई साल बाद, थॉमस एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन गए, और उनकी माँ की मृत्यु हो गई। तभी उसे कोठरी में पत्र मिला। इसमें लिखा था, ''आपका बच्चा बौद्धिक रूप से इतना कमजोर है कि हम उसे दूसरे बच्चों के साथ नहीं पढ़ा सकते.'' इसलिए अब उसे स्कूल न भेजें। आरोप है कि राजदूत ने थॉमस को इसकी जानकारी दी। थॉमस एक महान वैज्ञानिक नहीं बन सकते थे अगर उनकी मां तब निराश होती।
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