यदि आप सीखने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं तो आप पहले से बेहतर बन जाएंगे, जीवन में विद्यार्थी होना फायदेमंद है। फायदा यह नहीं है कि आप किसी के आदेश का पालन करते रहते हैं, बल्कि यह आपके अपने अहंकार और महत्वाकांक्षाओं को कुछ समय के लिए आपसे दूर कर देता है। जब हम किसी से कुछ सीखते हैं, तो यह हमारे अहंकार की सीमा को निर्धारित करता है। हम मानते हैं कि हम अपने शिक्षक को उतना नहीं जानते जितना हम उसे जानते हैं। आपने सहर्ष स्वयं को उनके वश में कर लिया। आप उनके साथ बुरा व्यवहार नहीं कर सकते। वास्तव में शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसे हैक नहीं किया जा सकता, इसे हासिल करने का कोई शॉर्टकट नहीं है। इसके लिए आपको हर दिन कड़ी मेहनत करनी होगी।
समस्या यह है कि हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि कोई हमसे बेहतर हो सकता है। कि हमें अभी भी बहुत कुछ सीखना है। हमें यह मान लेना चाहिए कि अब हम पूरी तरह से तैयार हैं। ज्ञान का अहंकार हमें कुछ नया सीखने और बेहतर बनने से रोकता है। यदि हम वस्तुनिष्ठ हो सकते हैं और खुद का आकलन कर सकते हैं, तो हम इस बीमारी का इलाज कर सकते हैं। मार्शल आर्टिस्ट फ्रैंक शैमरॉक का कहना है कि महान होने के लिए हमें तीन चीजों की जरूरत होती है - कोई ऐसा जो हमसे बेहतर हो और जिससे हम सीख सकें, कोई ऐसा जो हमसे कमजोर हो और जिसे हम सिखा सकें और कोई जो हमारे बराबर हो और जिसके साथ हम कर सकें प्रतिस्पर्धा।
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