बाय बाय, Wi-Fi - welcome to Li-Fi तेज इंटरनेट का एक नया युग शुरू होगा।
निकट भविष्य में वाई-फाई ( Wi-Fi) को अलविदा कहना पड़ेगा। चीन में वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसी विधि की खोज की है जिसके लिए इंटरनेट तक पहुंचने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यह एक प्रकाश बल्ब का उपयोग करके एक संकेत भेजेगा। यदि प्रकाश को रेडियो फ्रीक्वेंसी के स्थान पर वाहक बना दिया जाए
एक वोट एलईडी बल्ब से ऐलईडी बल्ब के साथ चार कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ सकते हैं माइक्रोचिप्स से प्रति सेकंड 150 मेगाबिट तक का पता लगाया जा सकता है। इसकी स्पीड ब्रॉडबैंड स्पीड से काफी ज्यादा होती है। तकनीक का नाम Wi-Fi 'वाईफाई' के बाद 'लाई-फाई Li-Fi रखा गया है। क्योंकि यह प्रकाश का उपयोग करता है। Li-Fi की स्पीड बहुत तेज और सस्ती होती है।
Li-Fi तकनीक में, रेडियो तरंगों का उपयोग करके डिजिटल सूचनाएं प्रसारित नहीं की जाती हैं। इसमें निर्देश एक प्रकाश तरंग द्वारा प्रसारित होता है। इसका 1 वॉट का लाइट डायोड लैंप (बल्ब) माइक्रोचिप से लैस है। जब यह लैम्प (बल्ब) जलाया जाता है तो कंप्यूटर के प्रोसेसर तक सिग्नल पहुंच जाता है। तो इंटरनेट को चालू रखने के लिए यूजर को बस इतना करना होगा
लैंप (बल्ब) चालू होना चाहिए। गौरतलब है कि Li-Fi को Wi-Fi का ऑप्टिकल वर्जन कहा जा सकता है। यह उच्च तकनीक पर आधारित एक ऑप्टिकल वायरलेस सिस्टम है। पहला (Li-Fi) लाई-फाई प्रयोग 23 जनवरी 2012 को अमेरिका के लास वेगास में किया गया था। इंटरनेट की अधिकतम स्पीड 54 से 108 एमबीपीएस तक
Wi-Fi वाई-फाई तकनीक से हासिल की जा सकती है जबकि 10 जीबीपीएस तक की इंटरनेट की स्पीड Li-Fi लाई-फाई तकनीक से हासिल की जा सकती है।
मौजूदा वायरलेस सिग्नल ट्रांसमिशन डिवाइस बहुत अधिक महंगे और कम कुशल हैं। सेलफोन के लिए बेहतर सिग्नल के लिए दुनिया भर में लाखों बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। लेकिन अधिकांश ऊर्जा शीतलन प्रणाली के पीछे खर्च की जाती है। लाई-फाई (Li-Fi) एक अच्छा विकल्प है। लाई-फाई (Li-Fi) से काफी उम्मीद है क्योंकि रेडियो स्पेक्ट्रम की एक सीमा होती है। रेडियो स्पेक्ट्रम का उपयोग करके इंटरनेट से जुड़ने वाले उपकरणों की संख्या बढ़ रही है।
भविष्य में स्पेक्ट्रम की कमी एक बड़ी समस्या होगी। प्रकाश किरणों का उपयोग करके डेटा ट्रांसफर तकनीक विकसित करने से प्रकाश-आधारित स्पेक्ट्रम खुल जाएगा, जो रेडियो स्पेक्ट्रम और वायर नेटवर्क की तुलना में बहुत सस्ता होगा। लाई-फाई Li-Fi उन जगहों पर भी आराम से काम कर सकेगा, जहां वाई-फाई (Wi-Fi )का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर यह तकनीक जल्द ही बाजार में आती है तो इससे ऑनलाइन कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा
और तेज इंटरनेट का एक नया युग शुरू होगा। हालाँकि, Li-Fi को लॉन्च करने से पहले कई सुधार किए जाने हैं। Li-Fi के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर कहीं से लाइट बाधित होती है तो सिग्नल कट जाता है। हालांकि इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
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