परी हो तुम गुजरात की, रूप तेरा मद्रासी !
सुन्दरता कश्मीर की तुम में, सिक्किम जैसा शर्माती !!
खान-पान पँजाबी जैसा, बँगाली जैसी बोली !
केरल जैसी आँखें तुम्हारी, है दिल तो तुम्हारा दिल्ली !!
महाराष्ट्र तुम्हारा फ़ैशन है, तो गोवा नया ज़माना !
ख़ुशबू हो तुम कर्नाटक की, बल तो तेरा हरियाणा !!
सीधी-सादी उड़ीसा जैसी, एम.पी. जैसा मुस्काना !
दुल्हन तुम राजस्थानी जैसी, त्रिपुरा जैसा इठलाना !!
झारखण्ड तुम्हारा आभूषण, तो मेघालय तुम्हारी बिन्दीया है !
सीना तुम्हारा यू.पी है तो, हिमाचल तुम्हारी निन्दिया है !!
कानों का कुण्डल छत्तीसगढ़, तो मिज़ोरम तुम्हारी पायल है
बिहार गले का हार तुम्हारा, तो आसाम तुम्हारा आँचल है !!
नागालैण्ड - आन्ध्र दो हाथ तुम्हारे, तो ज़ुल्फ़ तुम्हारा अरुणाचल है !
नाम तुम्हारा भारत माता, तो पवित्र तुम्हारा उत्तराँचल है !!
सागर है परिधान तुम्हारा, तिल जैसे है दमन-द्वीव !
मोहित हो जाता है सारा जग, रहती हो तुम कितनी सजीव !!
अण्डमान और निकोबार द्वीप, पुष्पों का गुच्छ तेरे बालों में !
झिल-मिल, झिल-मिल से लक्षद्वीप, जो चमक रहे तेरे गालों में !!
ताज तुम्हारा हिमालय है, तो गँगा पखारती चरण तेरे !
कोटि-कोटि हम भारत वासियों का,
स्वीकारो तुम नमन मेरे !!
जय हो : जय हिन्द : जय अखण्ड भारत
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