तंम्बू कपड़े की दीवार बनाने में कहां देरी हो रही है। अब दोनों में अंतर समझिए। एक बड़ा अंतर यह है कि तंम्बू ही छत है, दीवार छत के बिना है। छत का अर्थ है सुरक्षा, रक्षा। जब हम जीवन में सफल होते हैं, तो वह सफलता हमारे सिर पर छत बन जाती है। फिर हम भूल जाते हैं, अगर हम अहंकार में डूब जाते हैं तो एक दिन वह छत भी उड़ सकती है। इसलिए जब आप सफल होते हैं, यदि आपके पास कोई जिम्मेदारी है, कोई अधिकार है, तो ध्यान रखें कि उस अधिकार का प्रयोग करने के लिए, आपके पास हमेशा बुनियादी योग्यताएं होनी चाहिए।
बहुत सारे काम दूसरों पर मत छोड़ो, चाहे सत्ता परिवार हो, व्यवसाय हो या राजनीति हो, इस बात में लापरवाही न करें कि कोई और आपको चलाएगा, या यह अहंकार या गलतफहमी है कि मैं सब कुछ खुद ही मैनेज कर रहा हूं। एक और शक्ति है जो आपकी मदद करती है। जब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाया तो कई गोपियों -गवालो ने भी अपनी लाठी से उसका समर्थन करते हुए कहा कि हमारी लाठियों के सहारे पर्वत ऊंचा है। कृष्ण की एक ही अंगुली है। यह उनकी गलतफहमी थी। इसके पीछे की ताकत कोई और थी। इसलिए अपनी खुद की योग्यताओं का सदुपयोग करें और सावधान रहें कि दूसरे उनका दुरुपयोग न करें।
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